मछर हमारे सर के उपर ही क्यों मंडराते है ?

मछर 

संसार में मछरो का होना कोइ आश्चर्य नहीं है क्योकि जैसे अन्य जीव उत्पन्न है वैसे ये भी है | परन्तु मानव जीवन इन के होने के कारन अनिद्रा , मलेरिया , डेंगू तथा अन्य रोग वाहक होने की पर्बल्ताओ के कारन मनुष्य के द्वारा विभिन्न पारकर के उपाय करने की आवश्यकता होती है | मछरो की एक खाश बात है की ये मानुष के सर के ऊपर ही मंडराते हुए नजर आते है  जो एक सामान्य घटना नहीं है यह कुछ असामान्य वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर संभव हो पता है मछार भी नर व् मादा होते है मादा मछर कार्बन डाइऑक्साइड  (C O2) और पसीना, गंध , गर्मी , काफी पसंद होते है जिस का लगातार मानव द्वारा उतर्सर्जन किया जाता है | 

                                                मछर नेयंत्रण लेसंस बनाने वाली संस्था

                                             PEST CONTROL LICENCING APLICATION

सर पर मछर मंडराने का कारन 

मछरो के शरीर मैं भोजन को खोजने के लिये एंटीना पाए जाते है मछार एंटीना की सेंसिंग होने के कारन कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति का पता करते है साथ मै यदि हम आपने घने बालो मै किसी पारकर के शोंद्रिया पेर्शादन का पर्योग करते है जैसे सुगन्धित तेल , जेल , तब ये और भी ज्यादा आकषित होते है | और परिणाम सवरूप हमरे सर के उपर मंडराते देखें जाते है |

वयाम्शाला मैं मछर क्यों आते है 

रोज्मरा के जीवन मे हम वयाम्शाला (GYM) मैं सबसे अधिक पसीना बहते है | आप आसानी से देख सकते है की वहा मछर कितनी संख्या में देखी जा सकते है | इसका मुख्या कारन है पसीने का जल्दी न सुख पाना जब हम कश्रत करते है तब लगातार पसेना बहता है जब आप व्यायाम के बाद बहार निकलते है बस तुरंत ही मछर भी आप के आसपास पहुच जाते है अपने मधुर संगीत धुन बजने के लिये |

मछरो द्वारा हने वाले संभावित रोग 

मछर व् उनके द्वारा फैलाये जाने वाले रोगों कई पारकर से महामरी तक की परेस्थितियो को उत्पन्न करने मै सक्षम है | मछरो को लेकर पूरा विश्व आपने इस्तर पर ऐनक पारकर के कार्य कर्म चला रहे है | क्यों की हर साल मछोरो से होने वाली मर्त्यु का आकड़ा बहुत बड़ा है | वैश्विक मछर दिवस 20 अगस्त को मनाया जाता है | ये मछरो से कसे बचा जाये व् लोगो को कैसे जागरूक किया जाये इस को 1987 से मानया  जा रहा है | उस समय के डाक्टर रोनाल्ड ने अपने एक खोज मै बताया था की मलेरिया मादा मछरो के काटने से होता है | एक अनुमान के मुताबिक दुनिया की लग्भन 40 % जनसँख्या मलेरिया सैमभावित जगहों पर रहते है क्यों की वह पर मछरो के पनपने की सभी सम्भावनाये विद्यमान है |

सवयं किये जाने वाले बचाव कार्य 

आपने आस पास मै साफ सफाई का ध्यान रखना व् अपने आस पास के लोगो को जागरूक रखना | पानी के किसे एक स्थान पर जमा न होने देना व् पहले से जमा पानी मैं टेमीफोस नामक दावा या करोसीन आयल का छेद्काव करे | घर मे साफ सफाई का खास ख्याल रहे साथ मे रात को मछार दानी का पर्याग करे या नीम ऑयल का दीपक जलाये | ज्वर \ बुखार के लक्षण होने पैर तुरंत चिकत्सक की सलहा पर दावा का सावन करने का कास्ट करे |

अनन्य कार्य 

भारत सरकार हर वर्ष मछरो के लिये एक बड़ा बजट  खर्च करती है तथा घर घर टेमीफोस नामक दावा को पर्यागके लिये नेशुल्क वितरण करते है साथ मैं मछरो को भागने वाली मचीन से धुँआ भी करते है |

बाजार मैं मछरो की समस्या के समाधान वाली कुछ व्यापारिक कम्यानिया भी आगये है जो आप की आवस्यक्ताओ के अनुरूप सेवाए पर्दान करते है | उदहारण के लिये सरल पेस्ट मैनजमेंट एक निजी कम्पनी के तोर पर देल्ही व् आस पास एरिया मे कार्य करते है एस तरह कार्य करने वाली कंपनी आप के आस पास भी है जहा से आप अपना कार्य आसानी से करवा सकते है |

मछरो के लिये धुआ कैसे करे 

मछरो को भागने के लिये धुआ किया जाता है साधारणतया ग्रामीण एरया मैं लोग सुखी घास की पत्ते या साथ मैं नीम की पते भी पर्याग करते है | परन्तु धुआ ख़तम होते ही मछर वापस लोट कर आजाते है | जो कंपनी वय्परिक गतिविधि करती है उनके पास धुआ करने के लिये थर्मल फोग्गेर मशीन एवं किंग फोग नामक दावा का उपयोग डीजल में मिलाकर धुआ किया जाता है जिसका परभाव अधिक देखने को मिलता है |



                         उमीद है लेख पसंद आया होगा यदि हा तो अपने दोस्तों को जरुर शेर करे 

                                                              लेख पढने के लिये धन्यवाद्





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